शहीदों के लिए एक छोटा दिया जला देना
कारगिल विजय दिवस पर वीर शहीदों को डॉ शशि तिवारी ने किया भावपूर्ण स्मरण और दी काव्य-श्रद्धांजलि
आगरा। कारगिल विजय दिवस पर आज वीर शहीदों को नमन किया गया। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और काव्य पाठ के माध्यम से नई पीढ़ी को भी वीर जवानों के बलिदानों को स्मरण करने व उनकी राह पर चलने का आह्वान किया गया।
अवसर था स्वाधीनता संग्राम सेनानी रोशन लाल गुप्त करुणेश जी के फेसबुक लाइव पेज पर आज अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविख्यात गीतकार, साहित्यकार प्रोफेसर डॉ शशि तिवारी जी का काव्य पाठ ।आपने कार्यक्रम के प्रारंभ में ही कारगिल के बलिदानी वीरों को, शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की और अपनी पंक्तियों से कहा –
“लगा दी बाजी जानकी, बार-बार रखी लाज मेरे हिंदुस्तान की।”तुमसे ही है शान देश की।”
इस अवसर पर उन्होंने अपनी वेदना भी प्रकट करते हुए कहा –
“फौजी अपने देश को जोड़ते, पर लोग तोड़ते। सुनो जवानो पूरा भारत हरदम साथ तुम्हारे, हमने खाई कसम तुम्हारे हर बलिदान की ।”
“अंधेरा नफरतों का अपने प्यार से मिटा देना, दिवाली, ईद क्रिसमस पर घरों को जब रोशन करो शहीदों के लिए छोटा सा एक दिया जला देना।” बलिदान जो हुए वह सदा याद आएंगे, वीरों की कथा हम कैसे भूल पाएंगे। हम सब भारतवासी हैं, हम हैं भारत की शान, वीर सपूतों वाला अपना भारत देश महान।” राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत अपनी इन रचनाओं से आपने वीरों को, शहीदों को नमन किया और आजकल की वर्तमान राजनीतिक स्थिति और सामरिक स्थिति पर भी अपना चिंतन प्रकट किया।
प्रारंभ में आपने रोशन लाल गुप्त करुणेश जी के स्वाधीनता आंदोलन में योगदान और स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत उनके साहित्य लेखन व अन्य उपलब्धियों की चर्चा की। आपने करुणेश परिवार और अपने परिवार के पुरानी पीढ़ियों से चले आ रहे पारिवारिक संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि दोनों परिवार आज एक आदर्श परिवार हैं, लोगों को इन परिवारों से और इन परिजनों से प्रेरणा ग्रहण करनी चाहिए।
आपने करुणेश जी द्वारा रचित अनेक रचनाओं का सस्वर मधुर वाणी से पाठ भी किया। जिसमें करुणेश जी की प्रतिनिधि रचना “एक दिन ऐसा भी आता है” सुनकर पटल पर उपस्थित लोग भाव विभोर हो गए।
इस अवसर पर देश विदेश के बहुत अधिक संख्या में प्रबुद्ध जन उपस्थित थे जिनमें प्रख्यात नृत्यांगना डॉक्टर काजल शर्मा लंदन से, मुकेश गुप्ता न्यूयार्क से, डॉक्टर अंगद धारिया, डॉक्टर राजेंद्र मिलन, विजय शर्मा, इंजीनियर सुरेंद्र बंसल, अशोक अश्रु, कुमार ललित, नूतन अग्रवाल, प्रतिभा जिंदल, पंडित मनीष शर्मा, पंडित बृजेश भारद्वाज, शिवरंजनी, तिवारीअमीर अहमद जाफरी, बृजेश गुप्ता, राघवेंद्र शर्मा मानसिंह मनहर, राजीव गुप्ता, अपूर्व माधव झा, श्री किशन गुप्ता, अरविंद जयसवाल, बकुल गुप्ता, करुणेश परिवार के अन्य सदस्य आदि उपस्थित थे।