स्वतंत्रता दिवस – २०११
करुणेश परिवार की ओर से स्वतंत्रता दिवस (२०११) की हार्दिक शुभकामनाएँ…
आजादी का रास्ता
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनेक अध्याय हैं, जो 1857 की बगावत से लेकर जलियांवाला नर संहार तक, असहयोग आंदोलन से लेकर नमक सत्याग्रह तक और इसके अलावा अनेक से मिलकर बना है। भारत ने एक लंबी और कठिन यात्रा तय की जिसमें अनेक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय अभियान शामिल हैं और इसमें दो मुख्य हथियार थे सत्य और अहिंसा।
हमारे आजादी के संघर्ष में भारत के राजनैतिक संगठनों का व्यापक वर्णक्रम, उनके दर्शन और अभियान शामिल हैं, जिन्हें केवल एक पवित्र उद्देश्य के लिए संगठित किया गया, ब्रिटिश उप निवेश प्राधिकार को समाप्त करना और एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ना।
14 अगस्त 1947 को सुबह 11.00 बजे संघटक सभा ने भारत की स्वतंत्रता का समारोह आरंभ किया, जिसे अधिकारों का हस्तांतरण किया गया था। जैसे ही मध्यरात्रि की घड़ी आई भारत ने अपनी स्वतंत्रता हासिल की और एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया। यह ऐसी घड़ी थी जब स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नियति के साथ भेंट ‘ट्रिस्ट विद डेस्टिनी‘ नामक अपना प्रसिद्ध भाषण दिया।
इसके बाद तिरंगा झण्डा फहराया गया और लाल किले के प्राचीर से राष्ट्रगान गूंज उठा।
स्रोत: राष्ट्रीय पोर्टल विषयवस्तु प्रबंधन दल – http://www.bharat.gov.in/.